भगवान महावीर की मूलनायक प्रतिमा जहॉ विराजमान है उसके नीचे की मंजिल में ही लाल पाषाण से निर्मित प्राचीन कलात्मक मंदिर विद्यमान है । इसे ‘‘ध्यान केन्द्र’’ के रूप में विकसित किया गया है । ध्यान केन्द्र में भगवान महावीर की प्रतिमा का एक चित्र शोभायमान है । भक्तजन भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष बैठकर एकाग्रता से ध्यान कर सकें, इसी भावना के साथ ध्यान केन्द्र को तैयार किया गया है। ध्यान केन्द्र की गरिमा के अनुरूप ही क्षेत्र कमेटी द्वारा विद्युत, प्रकाश और तापमान नियंत्रण करने की व्यवस्था की गई है । ध्यान केन्द्र में ही लाल पाषण की मूल कलात्मक वेदियों में जयपुर के स्व. श्रेष्ठी लक्ष्मीनारायण जी पंसारी, उनकी धर्मपत्नी स्व. श्रीमती महताब देवी एवं उनके पुत्र श्री पवन जी पंसारी द्वारा भेंट की गई विभिन्न रत्नों की बहुत ही मनोज्ञ 401 प्रतिमाऐं विराजमान हैं । इन रत्न प्रतिमाओं के दर्शन दिन में दो बार प्रातः 7.30 बजे से 9.00 बजे तक तथा दोपहर 2.30 बजे से 4.00 बजे तक करवाये जाते हैं । विद्युत रोशनी में रत्न प्रतिमाओं के दर्शन कर यात्रीगण अपने आपको धन्य समझते हैं ।